Artwork

Το περιεχόμενο παρέχεται από το Dabwali News. Όλο το περιεχόμενο podcast, συμπεριλαμβανομένων των επεισοδίων, των γραφικών και των περιγραφών podcast, μεταφορτώνεται και παρέχεται απευθείας από τον Dabwali News ή τον συνεργάτη της πλατφόρμας podcast. Εάν πιστεύετε ότι κάποιος χρησιμοποιεί το έργο σας που προστατεύεται από πνευματικά δικαιώματα χωρίς την άδειά σας, μπορείτε να ακολουθήσετε τη διαδικασία που περιγράφεται εδώ https://el.player.fm/legal.
Player FM - Εφαρμογή podcast
Πηγαίνετε εκτός σύνδεσης με την εφαρμογή Player FM !

फर्जी फर्म के सरगनाओं का कारनामा, टैक्स चोरी के मामले में देश में चौथे स्थान पर पहुंचा हरियाणा

5:56
 
Μοίρασέ το
 

Manage episode 313223868 series 3262764
Το περιεχόμενο παρέχεται από το Dabwali News. Όλο το περιεχόμενο podcast, συμπεριλαμβανομένων των επεισοδίων, των γραφικών και των περιγραφών podcast, μεταφορτώνεται και παρέχεται απευθείας από τον Dabwali News ή τον συνεργάτη της πλατφόρμας podcast. Εάν πιστεύετε ότι κάποιος χρησιμοποιεί το έργο σας που προστατεύεται από πνευματικά δικαιώματα χωρίς την άδειά σας, μπορείτε να ακολουθήσετε τη διαδικασία που περιγράφεται εδώ https://el.player.fm/legal.
डबवाली न्यूज़ डेस्क (इंदरजीत अधिकारी की विशेष कवर स्टोरी) फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी का गोरखधंधा करने वालों के कारनामे अब जगजाहिर होने लगे है। टैक्स चोरी की बदौलत हरियाणा का नाम देशभर में पहचाने जाने लगा है। पड़ौसी राज्यों को पछाड़कर हरियाणा देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। देशभर में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई थी। इस वर्ष अगस्त माह तक टैक्स चोरी के हरियाणा में 1708 मामले सामने आ चुके है। जबकि दिल्ली 3182 मामलों के स्थान पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2540 और गुजरात में 1739 मामले इन तीन वर्षों में दर्ज किए गए है। हरियाणा में टैक्स चोरी के 1708 मामलों से 3182 करोड़ की चपत लगी है।संसद में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा यह आंकड़े प्रकट किए गए है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में कितनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसने तीन वर्षों के भीतर ही चौथा स्थान हासिल कर लिया है और जिस गति से फर्जी फर्म संचालकों की गतिविधियां बदस्तूर जारी है और सरकारी एजेंसियां जिस प्रकार उनके आगे नतमस्तक है, उससे हरियाणा का टैक्स चोरी के मामले में नंबर-वन बनना तय माना जा रहा है। वर्णनीय है कि टैक्स चोरी के प्रमुख सरगनाओं की राजधानी सिरसा में है। टैक्स चोरी के लिए फर्जी फर्में बनाकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले इन लोगों ने पूरे देश में अपना नेटवर्क बना रखा है। इन धंधेबाजों द्वारा न केवल टैक्स की चोरी को अंजाम दिया जाता है, बल्कि सरकार से करोड़ों रुपये का रिफंड भी हासिल कर लिया गया। सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों को लेकर कुख्यात एमआरपी का कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है। इनका नेटवर्क इतना फैल चुका है कि उनकी दो-चार करोड़ की नगदी पकड़े जाने पर भी उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता। टैक्स चोरी के मामले में हरियाणा का चौथे स्थान पर पहुंचना इसलिए भी चौंकाता है चूंकि लोकायुक्त हरियाणा द्वारा फर्जी फर्म संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। प्रदेश सरकार ने भी टैक्स चोरों पर अंकुश लगाने की मंशा जाहिर की थी। इसके बावजूद हरियाणा में टैक्स चोर पनपे और टैक्स चोरी में नया रिकार्ड बना। देश में हुई 93642 करोड़ की टैक्स चोरी टैक्स चोरों द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया गया है। फर्जी फर्में बनाकर टैक्स चोरी करने वालों ने बीते दिन वर्षों में 93 हजार 642 से अधिक की चपत लगाई। जुलाई-2017 से अगस्त-2020 की अवधि में 20233 मामले सामने आ चुके है। जिसमें 408 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इतने बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का गोरखधंधा चल रहा है, जिसके कारण देश को आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ रहा है। -------------- - एसआईटी की रिपोर्ट दबने से बढ़े हौंसले लोकायुक्त हरियाणा द्वारा सर्वप्रथम टैक्स चोरों के खिलाफ एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने ही करोड़ों रुपये के घोटाले का भंडाफोड़ किया था। एसआईटी द्वारा सरकार को जो रिपोर्ट दी गई, उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। सूत्रों की माने तो सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट अनुसार टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए एसआईटी से जुड़े अधिकारियों को ही प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप टैक्स चोरी करने वालों और फर्जी फर्म बनाकर धोखाधड़ी करने वालों के हौंसले बुलंद हुए। पिछले तीन वर्षों का रिकार्ड ही यह दर्शा रहा है कि किस प्रकार हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। यदि सरकार की ओर से एसआईटी की रिपोर्ट अनुसार कार्रवाई अमल में लाई गई होती तो यह स्थिति कदापि नहीं होती। ---------------- सिरसा में बरकरार है साम्राज्य टैक्स चोरी के धंधे से आसमान छूने वालों का साम्राज्य आज भी बरकरार है। पहले फर्जी एसटी-15 और सी-फार्म का धंधा करने वालों ने जीएसटी लागू होने के बाद अपने कारोबार को अधिक फैलाया। भोले-भाले लोगों के नाम पर फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने और सरकारी खजाने से टैक्स रिफंड लेने का गोरखधंधा किया। अल्प समय में इन लोगों ने अकूत संपत्ति जुटा ली और फिर पैसे के बल पर खेलना शुरू कर दिया। सूत्र बताते है कि इन लोगों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना कारोबार फैलाया हुआ है। बताया तो यह भी जाता है कि मनी लाड्रिंग का काला कारोबार भी इन लोगों द्वारा संचालित किया जाता है। अचरज की बात है कि फर्जी फर्मों के मामले की जांच जिस एजेंसी के पास पहुंचती है, वह निष्क्रिय हो जाती है। इसलिए टैक्स चोरी करने का कारोबार करने वाले एमआरपी आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
  continue reading

3 επεισόδια

Artwork
iconΜοίρασέ το
 
Manage episode 313223868 series 3262764
Το περιεχόμενο παρέχεται από το Dabwali News. Όλο το περιεχόμενο podcast, συμπεριλαμβανομένων των επεισοδίων, των γραφικών και των περιγραφών podcast, μεταφορτώνεται και παρέχεται απευθείας από τον Dabwali News ή τον συνεργάτη της πλατφόρμας podcast. Εάν πιστεύετε ότι κάποιος χρησιμοποιεί το έργο σας που προστατεύεται από πνευματικά δικαιώματα χωρίς την άδειά σας, μπορείτε να ακολουθήσετε τη διαδικασία που περιγράφεται εδώ https://el.player.fm/legal.
डबवाली न्यूज़ डेस्क (इंदरजीत अधिकारी की विशेष कवर स्टोरी) फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी का गोरखधंधा करने वालों के कारनामे अब जगजाहिर होने लगे है। टैक्स चोरी की बदौलत हरियाणा का नाम देशभर में पहचाने जाने लगा है। पड़ौसी राज्यों को पछाड़कर हरियाणा देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। देशभर में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई थी। इस वर्ष अगस्त माह तक टैक्स चोरी के हरियाणा में 1708 मामले सामने आ चुके है। जबकि दिल्ली 3182 मामलों के स्थान पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2540 और गुजरात में 1739 मामले इन तीन वर्षों में दर्ज किए गए है। हरियाणा में टैक्स चोरी के 1708 मामलों से 3182 करोड़ की चपत लगी है।संसद में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा यह आंकड़े प्रकट किए गए है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में कितनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसने तीन वर्षों के भीतर ही चौथा स्थान हासिल कर लिया है और जिस गति से फर्जी फर्म संचालकों की गतिविधियां बदस्तूर जारी है और सरकारी एजेंसियां जिस प्रकार उनके आगे नतमस्तक है, उससे हरियाणा का टैक्स चोरी के मामले में नंबर-वन बनना तय माना जा रहा है। वर्णनीय है कि टैक्स चोरी के प्रमुख सरगनाओं की राजधानी सिरसा में है। टैक्स चोरी के लिए फर्जी फर्में बनाकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले इन लोगों ने पूरे देश में अपना नेटवर्क बना रखा है। इन धंधेबाजों द्वारा न केवल टैक्स की चोरी को अंजाम दिया जाता है, बल्कि सरकार से करोड़ों रुपये का रिफंड भी हासिल कर लिया गया। सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों को लेकर कुख्यात एमआरपी का कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है। इनका नेटवर्क इतना फैल चुका है कि उनकी दो-चार करोड़ की नगदी पकड़े जाने पर भी उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता। टैक्स चोरी के मामले में हरियाणा का चौथे स्थान पर पहुंचना इसलिए भी चौंकाता है चूंकि लोकायुक्त हरियाणा द्वारा फर्जी फर्म संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। प्रदेश सरकार ने भी टैक्स चोरों पर अंकुश लगाने की मंशा जाहिर की थी। इसके बावजूद हरियाणा में टैक्स चोर पनपे और टैक्स चोरी में नया रिकार्ड बना। देश में हुई 93642 करोड़ की टैक्स चोरी टैक्स चोरों द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया गया है। फर्जी फर्में बनाकर टैक्स चोरी करने वालों ने बीते दिन वर्षों में 93 हजार 642 से अधिक की चपत लगाई। जुलाई-2017 से अगस्त-2020 की अवधि में 20233 मामले सामने आ चुके है। जिसमें 408 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इतने बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का गोरखधंधा चल रहा है, जिसके कारण देश को आर्थिक रूप से नुकसान झेलना पड़ रहा है। -------------- - एसआईटी की रिपोर्ट दबने से बढ़े हौंसले लोकायुक्त हरियाणा द्वारा सर्वप्रथम टैक्स चोरों के खिलाफ एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने ही करोड़ों रुपये के घोटाले का भंडाफोड़ किया था। एसआईटी द्वारा सरकार को जो रिपोर्ट दी गई, उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। सूत्रों की माने तो सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट अनुसार टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए एसआईटी से जुड़े अधिकारियों को ही प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। परिणाम स्वरूप टैक्स चोरी करने वालों और फर्जी फर्म बनाकर धोखाधड़ी करने वालों के हौंसले बुलंद हुए। पिछले तीन वर्षों का रिकार्ड ही यह दर्शा रहा है कि किस प्रकार हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। यदि सरकार की ओर से एसआईटी की रिपोर्ट अनुसार कार्रवाई अमल में लाई गई होती तो यह स्थिति कदापि नहीं होती। ---------------- सिरसा में बरकरार है साम्राज्य टैक्स चोरी के धंधे से आसमान छूने वालों का साम्राज्य आज भी बरकरार है। पहले फर्जी एसटी-15 और सी-फार्म का धंधा करने वालों ने जीएसटी लागू होने के बाद अपने कारोबार को अधिक फैलाया। भोले-भाले लोगों के नाम पर फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने और सरकारी खजाने से टैक्स रिफंड लेने का गोरखधंधा किया। अल्प समय में इन लोगों ने अकूत संपत्ति जुटा ली और फिर पैसे के बल पर खेलना शुरू कर दिया। सूत्र बताते है कि इन लोगों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपना कारोबार फैलाया हुआ है। बताया तो यह भी जाता है कि मनी लाड्रिंग का काला कारोबार भी इन लोगों द्वारा संचालित किया जाता है। अचरज की बात है कि फर्जी फर्मों के मामले की जांच जिस एजेंसी के पास पहुंचती है, वह निष्क्रिय हो जाती है। इसलिए टैक्स चोरी करने का कारोबार करने वाले एमआरपी आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
  continue reading

3 επεισόδια

Όλα τα επεισόδια

×
 
Loading …

Καλώς ήλθατε στο Player FM!

Το FM Player σαρώνει τον ιστό για podcasts υψηλής ποιότητας για να απολαύσετε αυτή τη στιγμή. Είναι η καλύτερη εφαρμογή podcast και λειτουργεί σε Android, iPhone και στον ιστό. Εγγραφή για συγχρονισμό συνδρομών σε όλες τις συσκευές.

 

Οδηγός γρήγορης αναφοράς