ग़ज़ल - कुछ और नहीं सोचा कुछ और नहीं माँगा (Ghazal)
Manage episode 328433700 series 3337254
कुछ और नहीं सोचा कुछ और नहीं माँगा।
हर वक्त तुझे चाहा कुछ और नहीं माँगा।
दौलत से क्या होगा यदि दिल ही रहे खाली।
बस साथ रहे तेरा कुछ और नहीं माँगा।
मिलता है बड़ी किस्मत से यार यहाँ सच्चा।
मिल जाये वही हीरा कुछ और नहीं माँगा।
दीदार खुदा का हो यदि पाक नज़र अपनी।
दिल साफ़ रहे अपना कुछ और नहीं माँगा।
सब लोग बराबर हैं ना कोइ बड़ा छोटा।
ना भेद रहे थोड़ा कुछ और नहीं माँगा।
यूँ जंग नहीं होती जो प्यार यहाँ होता।
मक़सद हो अमन सबका कुछ और नहीं माँगा।
मैं तख़्त नहीं चाहूँ ना ताज मुझे भाता।
दे नूर मुझे 'अवि' का कुछ और नहीं माँगा।
________________________
Lyrics - विवेक अग्रवाल 'अवि'
Music - रानू जैन
You can write2us at HindiPoemsByVivek@Gmail.com
96 επεισόδια